तृणमूल कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर बीजेपी के सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में बीजेपी के प्रधान को पंचायत प्रधान के पद से हटा दिया गया है और इसे लेकर भाजपा की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के डर से भाजपा के लोगों ने ऐसा कदम उठाया था। वहीं तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि ममता बनर्जी की सरकार के विकास के काम को देखकर भाजपा के लोग तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं ।2018 में हुए पंचायत चुनाव में गोड़हंड पंचायत के कुल 15 सीटों में से भाजपा को 9 तृणमूल कांग्रेस को 3 कांग्रेस को दो और वामफ्रंट को एक सीट मिली थी। भाजपा के सदस्यों ने सर्वसम्मति से पुष्पा उरांव को प्रधान बनाया था। भाजपा के चार सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस के मदद से अपने ही प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया और इस अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा के प्रधान को हटा दिया गया। भाजपा के जिला अध्यक्ष गोविंद चंद्र मंडल ने बताया है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग, हमारे सदस्यों को भय और प्रलोभन दिखाकर यह सब किया है। इस संबंध में भाजपा ने हाई कोर्ट में मामला भी दायर किया है।