Tourists are getting attracted towards Geetkhola
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डुआर्स के प्राकृतिक सौंदर्य का हर कोई दीवाना है। जब ब्रिटिश भारत में आए तो यहां के प्राकृतिक सौंदर्य ने ब्रिटिश लोगों के दिल को जीत लिया ब्रिटिश सरकार के अधिकारी भी इन इलाकों में रहकर प्रकृति का आनंद लिया करते थे और अपने घरों को सजाने के लिए जंगल को काटकर तरह-तरह के फर्नीचर और सजाने की चीजें बनाया करते थे जंगल तक पहुंचने के लिए 1934 में बने कोण सनब्रिज के तर्ज पर ही कालिम्पोंग जिला के गीतखोला में एक लोहे का पुल बनाया गया था। इसी पुल के सहारे ब्रिटिश साहेब जंगलों में जाकर बड़े-बड़े पेड़ काटकर तरह तरह की सामग्री बनाया करते थे। गीत खुला नदी का नाम कई बार बदला गया।पहले इस नदी का नाम डुडखोला हुआ करता था। उसके बाद किस नदी का नाम गीतखोला रखा गया। समय के साथ यह पहाड़ी नदी समतल तक आते-आते इस नदी का नाम घिस नदी हो गया। आज का इलाका प्रकृति के बीच एक बहुत ही सुंदर पर्यटन केंद्र बन गया है जहां पर इलाके के लोगों का राज चलता है। आज भी यह जगह पर्यटकों के नजर से काफी दूर है। स्थानीय लोगों के प्रयास से अब कुछ कुछ पर्यटक यहां आने लगे हैं। माल बाजार से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर है गीतखोला। इलाके के लोगों के साथ ही साथ पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि आने वाले दिनों में गीतखोला एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा।

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