Road built by India at 19000 feet in the Indo-China border area.
Road built by India at 19000 feet in the Indo-China border area.

भारत ने चीन से सटे अपने सीमावर्ती इलाके में सैनिकों के मूवमेंट को सहज करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। भारत ने 19000 फीट की ऊंचाई पर उमलिंग ला पास पर मोटरेबल रोड बनाकर एक रिकॉर्ड बनाया है। नमस्कार मैं हूं आपके साथ में नेहा। आए दिन चीन और भारत के बीच सीमा विवादों को लेकर दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव देखा जाता है। भारत अपनी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भारत चीन‌ सीमावर्ती इलाकों में ज्यादा से ज्यादा सड़क और पुल बना कर सैन्य मूवमेंट को सहज करना चाहता है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सीमा पर 27 सड़कों और पुल परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। जिसमें पूर्वी लद्दाख में 19,000 फीट की ऊंचाई पर सड़क और सिक्किम में संवेदनशील डोकलाम क्षेत्र के पास एक सड़क शामिल है। सीमावर्ती क्षेत्रों से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए ये पर project बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और दूरदराज के इलाकों में बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेंगी। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के सीमावर्ती इलाकों में तीन सड़कों और 24 पुलों का उद्घाटन किया गया। इसमें 5 लद्दाख में, 9 जम्मू और कश्मीर में, 3 उत्तराखंड में, 5 हिमाचल प्रदेश में और एक-एक अरुणाचल और सिक्किम में हैं. लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच ज्यादातर प्रोजेक्ट भारत-तिब्बत सीमा पर हैं। Border Roads Organisation (BRO), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कोशिशों की बदौलत भारत अब दुनिया की सबसे ऊंची मोटर वाहन चलाने योग्य सड़क का दावा कर सकता है। सड़क निर्माण करने वाली इस एजेंसी ने इस हफ्ते की शुरुआत में यह उपलब्धि हासिल की है। बता दें कि बीआरओ भारतीय सशस्त्र बल की सड़क बनाने वाली एजेंसी है। बीआरओ को भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ सबसे दुर्गम इलाकों में सड़कें बनाने में speciality हासिल है। दुनिया की सबसे ऊंची सड़क जिस पर मोटर वाहन चलाए जा सकते हैं, अब पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर 19,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस ऊंचे पहाड़ी दर्रे से होते हुए बीआरओ ने bawan किलोमीटर लंबी पक्की सड़क बनाई है। 19,000 फीट की ऊंचाई पर बनी यह सड़क न केवल सैन्य आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण होगी बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इस सड़क के बनने से एक और जहां सैन्य आवाजाही में तेजी मिलेगी वहीं दूसरी ओर पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगी।” इससे पहले इस साल जून में राजनाथ सिंह ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता के pachatar साल पूरे होने पर 12 सड़कों और teerasat पुलों समेत कुल pachatar परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था।

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