Now 5 per cent GST will be levied on online food service.
Now 5 per cent GST will be levied on online food service.

केंद्र सरकार ने अब ऑनलाइन फूड्सर्विस पर भी जीएसटी लगाने का फैसला कर लिया है।सरकार के नए नियम के अनुसार, जोमैटो (Zomato) -स्विगी (Siggi) जैसे फूड एग्रीगेटरएप (Food Aggregators) अब सरकार को सीधे तौर पर जीएसटी देंगे। फूड एग्रीगेटरएप अब 5 फीसदी जीएसटी सीधा सरकार को जमा कराएंगे। ऑनलाइन फूड सर्विस पर जीएसटी लगाने पर इसका सीधा असर लोगों की जेब पर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, ग्राहकों के लिए ऑनलाइन फूड मंगाना महंगा नहीं होगा। जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में ये फैसला लिया है कि फूड एग्रीगेटर एप पर आर्डर हुए खाने पर मिलने वाली जीएसटी का हिस्सा रेस्टोरेंट को नहीं देंगें, बल्कि वे खुद 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान सरकार को करेंगी। इस टैक्स को ऑर्डर की डिलीवरी के स्थान पर वसूला जाएगा. वहीं, कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक्स और जूस पर 28 फीसदी +12 फीसदी जीएसटी लगेगा. सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा. इस खबर के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस फैसले से परेशान नजर आएं.. ग्राहकों को इस बात का डर है कि उन्हें नए जीएसटी नियम के तहत डिलिवरी के लिए अधिक भुगतान करना होगा. हालांकि, जल्द ही यह स्पष्ट कर दिया गया कि इस कदम का अंतिम उपभोक्ताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है. हालांकि, लेकिन कई आइटम के टैक्स रेट में बढ़ोतरी की गई है। ग्राहकों से अतिरिक्त टैक्स नहीं वसूला जाएगा और न ही किसी नए टैक्स की घोषणा की गई है। पहले टैक्सी रेस्तरां द्वारा दिया था, अब रेस्तरां के बजाय टैक्स एग्रीगेटर द्वारा दिया जाएगा। मान लिजिए कि आपने किसी ऐप से खाना मंगाया. अभी इस ऑर्डर पर रेस्टोरेंट आपसे पैसे लेकर टैक्स दे रहा है. लेकिन पाया गया कि कई रेस्टोरेंट ,अथॉरिटी को टैक्स नहीं दे रहे थे। टैक्स की चोरी को रोकने के लिए खाना ऑर्डर लेने वाले फूड एग्रीगेटर ही कंज्यूमर से टैक्स लेकर अथॉरिटी को देगा, न कि रेस्टोरेंट। इस तरह कोई नया टैक्स नहीं लगा है. वहीं, वित्त मंत्री ने कहा कि फूड डिलिवरी ऐप स्वैगी व जोमैटो से खाना मंगाने पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की कोई बात नहीं है। ये ऐप वही टैक्स वसूलेंगे, जो रेस्टोरेंट कारोबार पर लगता है. खाने-पीने के सामान में कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक महंगा हुआ है. इस पर 28% का GST और उसके ऊपर 12% का कंपनसेशन सेस लगेगा. इससे पहले इस पर सिर्फ 28% का GST लग रहा था. इसके अलावा आइसक्रीम खाना महंगा हो जाएगा. इस पर 18% टैक्स लगेगा. मीठी सुपारी और कोटेड इलायची अब महंगी पड़ेगी. इस पर 5% GST लगता रहा था जो अब 18% हो गया है। नए साल से केंद्र सरकार आम आदमी की जिंदगी में काम आने वाली छोटी छोटी चीजों पर भी जीएसटी बढ़ाकर अपना राजस्व बढ़ाना चाहती है। केंद्र सरकार अब ऐसे ऐसे सामानों पर जीएसटी बढ़ा रही है जिसका सीधा संबंध गरीब और मिडिल क्लास फैमिली से है। महामारी के इस दौर में जब गरीब और मिडिल क्लास सरकार से महंगाई कम करने की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार जीएसटी बढ़ाकर क्या साबित करना चाह रही है यह एक बड़ा सवाल है।

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