मालदा जिला का मानिकचक घाट किसी परिचय का मोहताज नहीं है। गंगा नदी के किनारे बसे मानिकचक से होकर झारखंड और बंगाल के बीच लोगों का आना जाना लगा रहता है। दिन में 16 नाव दो राज्यों के बीच आवाजाही करते हैं। मानिकचक घाट के ऊपर ही झारखंड के राजमहल के लोग निर्भर करते हैं। कोरोना महामारी के दौर में पिछले साल इस घाट को कुछ समय के लिए बंद भी कर दिया गया था। लेकिन फिर रोजी-रोटी को देखते हुए जिला प्रशासन ने इसे खोल दिया ।राज्य में करोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इसी के बीच मानिकचक घाट पर जो दृश्य देखा जा रहा है, वह बहुत ही खतरनाक है। क्योंकि इस घाट पर आने वाले लोग कोई भी मास्क नहीं लगाते हैं और ना ही करोना गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं ।और इसके वजह से कहीं न कहीं जिला में करोना के के फैलने की संभावना बनी रहती है। मानिकचक घाट पर जिला प्रशासन, जिला पुलिस और ब्लाक प्रशासन के द्वारा अक्सर लोगों को जागरूक किया जाता है। फिर एक बार यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन मानिकचक घाट पर कड़ाई बरते हैं।जो भी लोग बिना मास्क झारखंड से यहां प्रवेश कर रहे हैं, उन पर नजर रखें। मानिकचक और राजमहल के बीच जो नाव आवाजाही करती है, हर नाव में 30 से 40 लोग रहते हैं। कहीं भी सामाजिक दूरियां का पालन नहीं किया जा रहा है।मानिकचक ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हेम नारायण झा ने कहा है कि हम पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लोगों को मास्क पहनने के लिए बाध्य किया जा रहा है और जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं उनकी जांच भी हम कर रहे हैं।