ठंड और नए साल की शुरुआत होते ही लोगों में घूमने फिरने और पिकनिक करने का दौर शुरू हो जाता है। पिछले साल तक महामारी के कारण सरकार ने सभी फॉरेस्ट इलाके में पिकनिक पर पाबंदी लगा दिया था। राज्य में कोरोना के मामले काफी कम हो जाने के बाद सभी कार्यक्रमों को छूट दी गई है। लेकिन इस साल नए साल के मौके पर दक्षिण दिनाजपुर के सभी फॉरेस्टो में पिकनिक करने पर पाबंदी लगा दिया गया है और इसे लेकर इलाके के लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि जब राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रम हो सकते हैं तो फिर पिकनिक पर क्यों पाबंदी लगाया जा रहा है। 25 दिसंबर से पहले ही फॉरेस्ट विभाग बालूरघाट फॉरेस्ट, सरनभारी फॉरेस्ट, के साथ ही साथ विभिन्न पिकनिक स्पॉट इलाके में बैनर लगाकर पिकनिक पर पाबंदी लगा दिया है। फॉरेस्ट विभाग विभाग के इस पाबंदी से एक और जहां पर्यावरण प्रेमी खुश हैं, वहीं दूसरी ओर आम आदमी इस पाबंदी से बिल्कुल भी खुश नहीं है। आम लोगों का कहना है कि राज्य मेंअब कोरोना के मामले पूरी तरह से कम हो गए हैं। हर किसी को नए साल का इंतजार रहता है। पिछले 2 सालों से लोग घरों से नहीं निकले हैं। इस बार लोगों ने घूमने-फिरने और पिकनिक मनाने का मन बनाया है। ऐसे में इस तरीके पाबंदी का कोई औचित्य नहीं है।