After all, why does Ganesha love Modak?
After all, why does Ganesha love Modak?

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम की शुरुआत गणपति बप्पा की पूजा से होती है कारण, उन्हें प्रथम आराध्य देव कहा जाता है। और हर साल गणेश चतुर्थी भी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है. जिसकी शुरुवात हो चुकी है और ये 10 दिनों तक चलते रहेगा। जी हां, कहते हैं कि बप्पा का सबसे पसंदीदा भोग मोदक है. यही वजह है कि लंबोदर को प्रसन्न करने के लिए भक्त उन्हें मोदक का ही भोग लगाते हैं. गणेश जी को आखिर मोदक ही क्यों सबसे ज्यादा प्रिय है इसके पीछे पुराणों में काफी रोचक कहानियां बताई गई हैं. उनमें से एक कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं. हम आपको बता दे, मोदक का अर्थ होता है आनंद देने वाला मोदक गणेशजी के इसी व्यक्तित्व को दर्शाता है। गणेशजी मोदक खाकर खुद भी आनंदित होते हैं तथा अपने भक्तों को भी आनंदित करते हैं। बताया गया है कि एक बार परशुराम जी और भगवान श्री गणेश के बीच युद्ध हुआ, उस युद्ध के दौरान परशुराम जी के शस्त्र वार से बप्पा का एक दांत टूट गया था. दांत टूटने से उन्हें बहुत दर्द हुआ इसकी वजह से वह कुछ भी खा नहीं पा रहे थे, इसलिए कुछ ऐसा बनाने को कहा गया जो बिना चबाए वो आसानी से खा सकें और फिर मोदक बनाए गए, जिसे खाकर गणेश जी अपना दर्द भूल गए. मोदक बहुत मुलायम होते हैं जो मुंह में जाते ही घुल जाते हैं. इसे खाकर बप्पा के दांत का भी दर्द खत्म हो गया और तभी से मोदक उनका प्रिय हो गया। मोदक चावल के आटे, घी, मैदा, मावा, गुड़, सूखे मेवे, नारियल से बनाया जाता है। ये सारी ही सामग्री स्वास्थ्य के लिए भी गुणकारी होती है। मोदक को अमृत तुल्य जैसे शब्दों से नवाजा गया है। हम आपको बता दे सिर्फ भारत देश में ही नही बल्कि और भी कई देश विदेश में भी गणेश जी की पूजा की जाती है। अमेरिका की Silicon वैली में श्रीगणेशजी को साइबर स्पेस टेक्नोलाजी का देवता माना गया है। ज्ञान के इस देवता का वाहन मूषक है। चाहे software इंजीनियर हों या कंप्यूटर और लैपटाप प्रयोग करने वाला कोई अन्य व्यक्ति लगभग सभी माउस का इस्तेमाल करते हैं। इसके माध्यम से ही उनके विचार और आइडिया मूर्त रूप लेते हैं। #vandanapandey #newsnow

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