घर के माली हालत का फायदा उठाकर एक दलाल ने एक सात की बच्ची को काम का प्रलोभन देकर बच्ची को लेकर चला गया था।उसके बाद कालिदासी फिर घर नहीं लौटी। परिवार वालों ने काफी ढूंढा लेकिन उसका पता नहीं चला। 7 साल की कालिदासी पंजाब के जालंधर में एक घर में नौकरानी का काम करती थी। इसी इलाके में कुल्टी थाना के रहने वाले राजेश भूईया और उनकी स्त्री काम करने के लिए गए थे।एक दिन कालीदासी की मुलाकात राजेश भुईया और उसके पत्नी से हो गया ।राजेश और उनकी पत्नी बंगला में बात कर रहे थे। बांग्ला में बात करते देख कालिदासी ने अपनी सारी कहानी राजेश भुईया और उनकी पत्नी को बताया। कालिदासी अपना घर लौटना चाहती थी। कालीदासी ने बताया कि उसका घर साउथ 24 परगना जिला के दोमाली गांव में है। कालिदासी बचपन से जिस घर में काम कर रही थी उस घर के मालिक ने कालिदासी को उसके घर लौटने का सारा इंतजाम करवाया। अब कालिदासी 20 साल की हो गई है। 13 साल बाद कालीदासी राजेश भुईया के साथ अपने गांव लौटी है। 13 साल बाद अपने परिवार से मिलकर कालिदासी का खुशी का ठिकाना नहीं था। परिवार के लोग अपनी बेटी को पाकर बेहद खुश थे। परिवार ने सारी उम्मीदें छोड़ दिया था। लेकिन कहावत है भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। राजेश भुईया कालिदासी के जीवन में भगवान बन कर आए। कालिदासी ने बताया कि एक दलाल उसे काम देने के नाम पर घर से लेकर चला गया था। इस संबंध में गांव के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाया है।